October 8, 2010

महालक्ष्मी अष्टक




नमस्तेस्तु महामाये श्री पीठे सुर पूजिते !
शंख चक्र गदा हस्ते महालक्ष्मी नमोस्तुते !!

नमस्तेतु गरुदारुढै कोलासुर भयंकरी !
सर्वपाप हरे देवी महालक्ष्मी नमोस्तुते !!

सर्वज्ञे सर्व वरदे सर्व दुष्ट भयंकरी !
सर्वदुख हरे देवी महालक्ष्मी नमोस्तुते !!

सिद्धि बुद्धि प्रदे देवी भक्ति मुक्ति प्रदायनी !
मंत्र मुर्ते सदा देवी महालक्ष्मी नमोस्तुते !!

आध्यंतरहीते देवी आद्य शक्ति महेश्वरी !
योगजे योग सम्भुते महालक्ष्मी नमोस्तुते !!

स्थूल सुक्ष्मे महारोद्रे महाशक्ति महोदरे !
महापाप हरे देवी महालक्ष्मी नमोस्तुते !!




पद्मासन स्थिते देवी परब्रह्म स्वरूपिणी !
परमेशी जगत माता महालक्ष्मी नमोस्तुते !!

श्वेताम्भर धरे देवी नानालन्कार भुषिते !
जगत स्थिते जगंमाते महालक्ष्मी नमोस्तुते!!

महालक्ष्मी अष्टक स्तोत्रं य: पठेत भक्तिमान्नर:!
सर्वसिद्धि मवाप्नोती राज्यम् प्राप्नोति सर्वदा !!

एक कालम पठेनित्यम महापापविनाशनम !
द्विकालम य: पठेनित्यम धनधान्यम समन्वित: !!

त्रिकालम य: पठेनित्यम महाशत्रुविनाषम !
महालक्ष्मी भवेनित्यम प्रसंनाम वरदाम शुभाम !!

1 comment:

nilesh said...

he stotra kashasaathi wachtat malahi koni sangeetala aahe wachayla

गणेश पुराण


उपासना खंड अध्याय
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क्रिडाखंड अध्या 1

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