नवग्रहपीडाहरस्तोत्र - ( बुध )
उत्पातरुपो जगतां चन्द्रपुत्रो महाद्युति: !
सूर्यप्रियकरो विद्वान्पीडां हरतु मे बुध : !!
( अर्थ : जगात उत्पातरुप असलेला, सूर्याचे सदाप्रिय करणारा, विद्वान असलेला जो चंद्राचा पुत्र महातेजस्वी बुध तो आमची पीडा नाहिशी करो )
जातकशास्त्रीय तत्त्वे -
( विविध जोतिष पुस्तकातून संग्रहीत )
१) ६ - ८ - १२ या स्थानातला नेपच्यून चुकीचे औषध मिळाल्यामुळे, औषधाचा चुकीचा डोस घेतल्यामुळे तसेच व्हायरल इन्फेक्शनमुळे आजारपण देतो.
२) तृतीय स्थानात अधिक्याने असलेले पापग्रह आयुर्दायावर परिणाम करतात. कारण तृतीय स्थान हे अष्टमस्थानाचे मृत्युस्थान आहे.
-------------------------------------------------------------------------------------------
आज बुधवार २९ ऑगष्ट २०१२
आजचे रुलींग प्लॅनेट :
| वेळ | लग्न स्वामी | नक्षत्र स्वामी | राशी स्वामी | दिन स्वामी |
| ५.३५ ते ६.१० | रवी | रवी | शनी | मंगळ, राहू |
| ६.१० ते ६.२५ | रवी | चंद्र | शनी | मंगळ, राहू |
| ६.२५ ते ७.४३ | रवी | चंद्र | शनी | बुध |
| ७.४३ ते ९.५० | बुध | चंद्र | शनी | बुध |
| ९.५० ते १२.०१ | शुक्र, केतू | चंद्र | शनी | बुध |
| १२.०१ ते १४.१५ | मंगळ , राहू | चंद्र | शनी | बुध |
| १४.१५ ते १६.२१ | गुरु | चंद्र | शनी | बुध |
| १६.२१५ ते १८.११ | शनी | चंद्र | शनी | बुध |
| १८.११ ते १९.४८ | शनी | चंद्र | शनी | बुध |
| १९.४८ ते २१.२२ | गुरु | चंद्र | शनी | बुध |
| २१.२२ ते २३.०६ | मंगळ, राहू | चंद्र | शनी | बुध |
| २३.०६ ते १ .१० | शुक्र, केतू | चंद्र | शनी | बुध |
| १.१० ते ३.२२ | बुध | चंद्र | शनी | बुध |
| ३.२२ ते ५.३१ | चंद्र | चंद्र | शनी | बुध |
No comments:
Post a Comment