December 2, 2011

!! प.पू. वासुदेवानंद सरस्वती रचित मंत्रात्मक श्लोक !! - भाग १



अनसूयात्रिसंभूतो दत्तात्रेयो दिगंबरा !
स्मृर्तगामी स्तंभक्तानामुध्दर्ताभव् संकटात !!  १ !!

दरिद्र विप्रगेहे यः शाकं भुक्त्वोत्तमश्रियं !
ददौ श्रीदत्तदेवः स दारिद्रयाच्छ्री प्रदोSवतु !!  २ !!

दूरिकृत्यपिशाचार्ति जीवयित्वामृत सुतम् !
यो S भूदभीष्टदः पातु स नः संतानवृध्दिकृत !!  ३ !!

जीवयामास भर्तारं मृत्वं सत्या ही मृत्युहा !
मृत्युंजयः स योगींद्रः सौभाग्य मे प्रयच्छतु !!  ४ !!

अत्रेरात्म प्रदानेन यो मुक्तो भगवानृणात् !
दत्तात्रेयं तमीशानं नमामि ऋणमुक्तये !! ५ !!

जपेच्छलोकमिमं देवपिञार्षि पुनृणामहं !
सो S नृणो दत्तकृपया परंब्रह्मधिगच्छति !! ६  !!

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नोकरी लागण्यासाठी - श्लोक १
 दरिद्र नाश, पिशाच्च पीडा जाण्यासाठी  - श्लोक २-३
सर्व ऋणातून मुक्त होण्यासाठी - श्लोक ५ -६

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गणेश पुराण


उपासना खंड अध्याय
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क्रिडाखंड अध्या 1

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